सोच के दायरे को बढ़ाने वाली किताबें
जब सीमाएं खुद मन में बस जाती हैं बड़ी सोच किसी जादुई क्षण में नहीं आती। यह धीरे धीरे पनपती है किताबों से विचारों से और अनुभवों से। कई बार वही किताब जो पहली नजर में साधारण लगे भीतर एक ऐसा बीज बो देती है जो समय के साथ सोच को बदल देता है। यह किताबें केवल ज्ञान नहीं देतीं ये सोचने का ढंग भी बदल देती हैं और …